बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती भाजपा में शामिल हो गये. पीएम मोदी की मौजूदगी में मिथुन चक्रवर्ती ने बीजेपी का झंडा थाम लिया. इसके बाद से विपक्ष खास कर टीएमसी लागातर उन पर हमले कर रहा है. आरोप तो यहां तक लगाये गये है कि भाजपा ने मिथुन चक्रवर्ती को ईडी द्वारा मामलों के जांच के लिए धमकी दी है इसलिए उन्होंने राज्यसभा छोड़ दिया, और अब वह भाजपा में शामिल हो गए हैं.
एएनआई के मुताबिक सौगता रॉय ने बताया, उनकी कोई विश्वसनीयता, कोई सम्मान और लोगों के बीच कोई प्रभाव नहीं है. तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सौगत राय ने रविवार को मिथुन चक्रवर्ती पर ‘मूल रूप से एक नक्सली होने’ का आरोप लगाया और कहा कि ‘लोगों का सितारा’ का अब लोगों पर कोई प्रभाव नहीं है, अभिनेता के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के घंटों बाद रॉय ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता के राजनीतिक करियर पर भी विचार किया.
टीएमसी नेता सौगत राय ने कहा कि मिथुन चक्रवर्ती ने चार बार पार्टियां बदली हैं. वे मूल रूप से नक्सली थे, फिर सीपीएम गए, फिर उन्होंने टीएमसी ज्वाइन की और राज्यसभा सांसद बनाए गए. रॉय ने यह भी बताया कि चक्रवर्ती ने 2016 में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा से इस्तीफा क्यों दिया . वह तब लगातार टीएमसी का हिस्सा थे.
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बंगाल चुनाव 2021 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिगेड परेड ग्राउंड में विशाल रैली आयोजित की गयी. इस रैली में सबसे बड़ा आकार्षण थे बंगाल के लाल और बॉलीवुड के एक्टर मिथुन चक्रवर्ती.
मिथुन चक्रवर्ती ने मंच पर एक व्यक्ति के पैर छूकर आशीर्वाद लिये. आखिर कौन हैं वो शख्स, मिथुन ने जिनका आशीर्वाद लिया. ये बुजुर्ग नेता तथागत राय हैं. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और त्रिपुरा एवं मेघालय के पूर्व राज्यपाल. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं.
बंगाल विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले उन्होंने फिर से भाजपा संगठन के लिए काम करने की इच्छा जतायी थी. तब कहा जा रहा था कि तथागत राय बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री का चेहरा हो सकते हैं.
Posted By: Pawan Singh