शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने बुधवार को कहा कि माध्यमिक बोर्ड और उच्च माध्यमिक पर्षद के प्रस्ताव को शिक्षा विभाग ने स्वीकार कर लिया है. वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से मार्च, 2020 से स्कूल बंद हैं. वर्ष 2021 में मैट्रिक या इंटर की परीक्षा देने वाले विद्यार्थी महज ढाई महीने ही पढ़ाई कर पाये. बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाये. इसलिए हड़बड़ी में और कोरोना संकट के बीच इम्तहान नहीं लिये जायेंगे.
आमतौर पर पश्चिम बंगाल में फरवरी में मैट्रिक और मार्च में इंटर की परीक्षाएं होती हैं. कोरोना की वजह से एजुकेशन कैलेंडर पूरी तरह गड़बड़ा गया है. इससे पहले सीबीएसइ और आइसीएसइ बोर्ड की तरह पश्चिम बंगाल माध्यमिक बोर्ड और उच्च माध्यमिक काउंसिल ने भी सिलेबस में क्रमश: 30 एवं 35 फीसदी तक की कटौती कर दी है.
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उल्लेखनीय है कि स्कूलों में लगातार छुट्टी की वजह से लगातार ये सवाल उठ रहे हैं कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक की परीक्षाएं कैसे होंगी. साथ ही यह भी प्रश्न लोग कर रहे हैं कि बाकी सिलेबस को कैसे पूरा किया जायेगा. इन समस्याओं के मद्देनजर पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और पश्चिम बंगाल उच्चतर माध्यमिक शिक्षा पर्षद ने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि परीक्षाएं जून, 2021 में करायी जाये.
शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. ज्ञात हो कि अक्टूबर, 2020 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि इस बार मैट्रिक एवं इंटर की परीक्षा दे रहे विद्यार्थियों को स्कूल टेस्ट नहीं देना होगा. लेकिन, यह स्पष्ट नहीं हो रहा था कि मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं आखिर होंगी कब? शिक्षा मंत्री ने आज यह साफ कर दिया कि परीक्षाएं जून में ली जायेंगी. इसके साथ ही विद्यार्थियों की सारी आशंकाएं दूर हो गयीं.
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Posted By : Mithilesh Jha