WFI अध्यक्ष संजय सिंह खेल मंत्रालय के फैसले के खिलाफ जाएंगे कोर्ट, नहीं मानेंगे तदर्थ समिति का फैसला
भारतीय कुश्ती महासंघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा है कि वह खेल मंत्रालय के फैसले के खिलाफ अदालत जाएंगे. उन्होंने कहा कि संवैधानिक तरीके से जीतकर आई समिति को बिना उनका पक्ष जाने निलंबित करना गलत है. उन्होंने तदर्थ समिति के फैसले को मानने से भी इनकार कर दिया.
By Agency | December 28, 2023 5:26 PM
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि खेल मंत्रालय ने कुश्ती की राष्ट्रीय संस्था को निलंबित करते समय उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया. वे सरकार के इस फैसले को अदालत में चुनौती देंगे. खेल मंत्रालय ने रविवार को डब्ल्यूएफआई को चुनाव के तीन दिन बाद निलंबित कर दिया था. मंत्रालय ने कहा था कि उसने अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप की घोषणा समेत कुछ फैसले करने में अपने ही संविधान का उल्लंघन किया था. संजय सिंह ने कहा कि सरकार डब्ल्यूएफआई का पक्ष सुने बिना उनकी स्वायत्त और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी संस्था को निलंबित नहीं कर सकती.
चुनाव जीतकर अध्यक्ष बने हैं संजय सिंह
बूजभूषण शरण सिंह संजय सिंह ने कहा कि हमने लोकतांत्रिक तरीके से डब्ल्यूएफआई के चुनाव जीते. जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश निर्वाचन अधिकारी थे, इसमें भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और यूनाईटेड विश्व कुश्ती (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के भी पर्यवेक्षक थे. चुनावों में 22 राज्य इकाईयों (25 राज्य संघ में से तीन अनुपस्थित थे) ने हिस्सा लिया था, 47 वोट पड़े थे जिसमें से मुझे 40 मिले थे.
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद अगर हमें निलंबित कर दिया जाता है तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे. लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी संस्था को अपना पक्ष रखने का मौका ही नहीं दिया गया जो न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है . डब्ल्यूएफआई के लिए अगला कदम क्या होता तो उन्होंने कहा, ‘डब्ल्यूएफआई एक स्वायत्त संस्था है और सरकार ने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया. हम सरकार से बात करेंगे और अगर सरकार निलंबन वापस नहीं लेती है तो हम कानूनी राय लेंगे और अदालत का रूख करेंगे.’
तदर्थ समिति के फैसले को नहीं मानेंगे
संजय ने कहा कि क्योंकि डब्ल्यूएफआई निलंबन का विरोध कर रहा है तो वह आईओए द्वारा गठित तीन सदस्यीय तदर्थ समिति को स्वीकार नहीं करते. बुधवार को आईओए ने डब्ल्यूएफआई का कामकाज देखने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की थी. संजय ने साथ ही कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया से मिलने के लिए हरियाणा के अखाड़े में पहुंचने से स्पष्ट हो गया कि तिकड़ी (बजरंग, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक) राजनीति कर रही है.
डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय ने कहा, ‘साफ है कि उन्हें (बजरंग, विनेश और साक्षी) कांग्रेस और वामपंथी दलों का समर्थन प्राप्त है. ये तीनों इन राजनीतिक दलों के हिसाब से चल रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘आप मुझे कोई चौथा पहलवान बताएं जो डब्ल्यूएफआई का विरोध कर रहा हो. ये तीनों नहीं चाहते कि जूनियर पहलवान आगे बढ़ें, ये जूनियर पहलवानों का अधिकार छीनना चाहते हैं.’