जानें रिसर्च का क्या कहना है
दरअसल साल 1983 से 1999 के बीच कई सारे प्लेन क्रैश हुए. जिसपर US National Transportation Safety Board ने एक रिसर्च भी किया. जिसमें पाया गया है प्लेन क्रैश के दौरान 95 प्रतिशत संभावना होती है कि उसमें सवार यात्रियों की जान बच जाती है. इसमें से करीब 55 प्रतिशत प्लेन क्रैश सबसे गंभीर होते हैं लेकिन इसके बावजूद भी यात्रियों की जान बच जाती है.
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प्लेन क्रैश सबसे ज्यादा क्यों होते हैं
यूरोपियन ट्रांसपोर्ट सेफ्टी काउंसिल ने प्लेन क्रैश पर एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसमें बताया गया है कि 90 प्रतिशत प्लेन क्रैश का कारण टेक्निकल फाल्ट होते हैं. फिलहाल बता दें यह रिपोर्ट 1996 की है, जिसमें प्लेन क्रैश होने का कारण तकनीक या फिर इंजन का फेल होना बताया गया है.
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ये हैं दुनिया के सबसे बड़े प्लेन क्रैश
आपको बता दें कि दुनिया के सबसे बड़े प्लेन क्रैश 25 मई साल 1979 में हुआ था. अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 191 में करीब 273 लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा दूसरा सबसे बड़ा प्लेन हादसा 3 जुलाई साल 1988 को हुआ था. जिसमें करीब 290 लोगों की मौत हुई थी.
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