Tokyo Olympics 2020 : साइना नेहवाल ने पीवी सिंधु को क्यों नहीं दी बधाई, जानिये क्यों है दोनों के बीच खटास ?

स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु (PV Sindhu) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में कांस्य पदक जीतकर भारत को दूसरा मेडल दिलाया. सिंधु को मेडल जीतने पर देशभर से उन्हें बधाई और शुभकामनाएं मिल रही हैं. लेकिन भारत की स्टार शटलर साइना नेहवाल (Saina Nehwal) ने उन्हें अब तक बधाई नहीं दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2021 8:29 PM
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स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु (PV Sindhu) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में कांस्य पदक जीतकर भारत को दूसरा मेडल दिलाया. सिंधु को मेडल जीतने पर देशभर से उन्हें बधाई और शुभकामनाएं मिल रही हैं. लेकिन भारत की स्टार शटलर साइना नेहवाल (Saina Nehwal) ने उन्हें अब तक बधाई नहीं दी है. साइना ने महिला हॉकी टीम को जीत पर ट्वीट कर बधाई दे दी, लेकिन सिंधु के लिए एक लाइन भी कुछ नहीं लिखा.

हालांकि इस बात से सिंधु को कोई आश्चर्य नहीं हुआ है. कांस्य पदक जीतने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिंधु ने बताया कि मेडल जीतने के बाद मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने उन्हें बधाई संदेश दिया. लेकिन सीनियर खिलाड़ी साइना नेहवाल से उन्हें बधाई नहीं मिली.

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यह पूछने पर कि क्या पदक जीतने के बाद गोपीचंद और साइना ने उनसे बात की, सिंधु ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा, बेशक गोपी सर ने मुझे बधाई दी. मैंने अब तक सोशल मीडिया नहीं देखा है. मैं धीरे धीरे सभी को जवाब दे रही हूं. सिंधु ने कहा, गोपी सर ने मुझे संदेश भेजा. साइना ने नहीं.

दोनों के बीच नहीं होती बात

साइना नेहवाल और पीवी सिंधु के बीच बातचीत नहीं होती है. इसका खुलासा खुद सिंधु ने किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिंधु ने बताया, हम काफी बात नहीं करते.

मालूम हो पिछले साल कोरोना महामारी के बीच सिंधु तीन महीने की ट्रेनिंग के लिए लंदन गई थी, जिसके बाद उनके और गोपीचंद के बीच मतभेद की खबरें सामने आयी थी. स्वदेश लौटने पर भी सिंधु ने गोपीचंद अकादमी की जगह पार्क तेइ-सांग के मार्गदर्शन में गचीबाउली इंडोर स्टेडियम में ट्रेनिंग का फैसला किया.

ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी पीवी सिंधु ने कहा कि सेमीफाइनल हारने के बाद वह निराश थी, लेकिन कोच पार्क तेइ-सांग ने उन्हें प्रेरित किया कि अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है और चौथे स्थान पर रहने से बेहतर है कि कांस्य पदक जीतकर स्वदेश लौटो. उन्होंने कहा, कोच के शब्दों ने मुझे प्रेरित किया और मैंने अपना पूरा ध्यान कांस्य पदक के मुकाबले पर लगाया. मैच जीतने के बाद पांच से 10 सेकेंड तक मैं सब कुछ भूल गई थी.

गौरतलब है कि सिंधु को महिला एकल सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग के खिलाफ 18-21, 12-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी थ, लेकिन कांस्य पदक के प्ले ऑफ में चीन की आठवीं वरीय ही बिंग जियाओ को सीधे गेम में 21-13, 21-15 से हराकर पदक जीतने में सफल रही.

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