पुलिस ने कोर्ट में दर्ज कराया नया बयान
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के रिपोर्ट के मुताबिक, 17 वर्षीय पीड़िता ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत एक मजिस्ट्रेट के सामने एक नया बयान दर्ज कराया है. इस तरह के बयान को न्यायालय के सामने सुबूत माना जाता है. इस बयान का मतलब यह हो सकता है कि यह तय करना अदालत पर निर्भर करेगा कि आरोपों का पालन किया जा सकता है या नहीं और मुकदमा यह तय करेगा कि 164 के तहत किस बयान को प्राथमिकता दी जाएगी.
नाबालिग के पिता ने बयान में कही थी ये बात
दिल्ली पुलिस में दर्ज प्राथमिकी और ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, नाबालिग के पिता ने कहा था कि वह ‘पूरी तरह से परेशान थी और अब शांति से नहीं रह सकती… आरोपी बृजभूषण शरण सिंह द्वारा यौन उत्पीड़न की याद उसे हमेशा परेशान करती है’. शिकायत में विस्तार से कहा गया था कि सिंह ने ‘एक तस्वीर क्लिक करने का नाटक करते हुए उसे कसकर पकड़ा, ‘उसे अपनी ओर खींचा, उसके कंधे पर जोर से दबाया और फिर जानबूझकर… उसके स्तनों पर हाथ फेरा’.
बृजभूषण के खिलाफ इन धाराओं में FIR
महिला पहलवानों के बयान के बाद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज हुई. बृजभूषण के खिलाफ कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में यौन अपराधों से बच्चों के कड़े संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 10 और आईपीसी की धारा 354 (महिला की शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354डी (स्टॉकिंग) और 34 (सामान्य आशय) के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें एक से तीन साल तक की जेल हो सकती है.
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