सात सूत्री मांग को लेकर झामुमो ने मुंडा सरकार से समर्थन लिया थाआंदोलनकारियों को सम्मान व नौकरी देने के मामले भी गौण झामुमो ने जिन सात शर्तो पर अर्जुन मुंडा की सरकार से समर्थन वापस लिया था, उनमें से तीन मुद्दों को पार्टी ने घोषणा पत्र में शामिल ही नहीं किया है. स्थानीय नीति पर पार्टी ने चुप्पी साध रखी है. आंदोलनकारियों को सम्मान व नौकरी देने के मामले को भी पार्टी ने गौण किया है. पुनर्वास नीति पर भी पार्टी की स्पष्ट राय नहीं है, जबकि ये सब वही विवादित मुद्दे हैं, जिसे लेकर भाजपा सरकार से झामुमो ने समर्थन वापस लिया था.
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