सासंद मोदी के ‘आदर्श गांव’ जयापुर का हाल

अंकित पांडे ... फ़ोटो पत्रकार सांसद आदर्श ग्राम योजना का मक़सद भारत के गांवों का विकास करना है. योजना के तहत हर एक सांसद को अपने निर्वाचन क्षेत्र से एक गांव को चुनकर उसका विकास करना है. सांसदों को ये लक्ष्य दिया गया है कि वे अपने संसदीय क्षेत्र के एक गांव को साल 2016 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 13, 2014 9:40 AM

अंकित पांडे

फ़ोटो पत्रकार

सांसद आदर्श ग्राम योजना का मक़सद भारत के गांवों का विकास करना है.

योजना के तहत हर एक सांसद को अपने निर्वाचन क्षेत्र से एक गांव को चुनकर उसका विकास करना है.

सांसदों को ये लक्ष्य दिया गया है कि वे अपने संसदीय क्षेत्र के एक गांव को साल 2016 तक आदर्श गांव में विकसित करेंगे.

इसके बाद सांसदों को दो और गांवों को चुनकर अगले लोकसभा चुनाव तक उन्हें आदर्श गांव बनाना होगा.

पीएम की सीट

उत्तर प्रदेश का जयापुर गांव भी इसी सिलसिले में इन दिनों सुर्खियों में है. और हो भी क्यों नहीं?

जयापुर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के अंतर्गत आता है.

जयापुर गांव मोदी की ओर से गोद लेते ही रातों-रात आम से खास बन गया है.

लेकिन सवाल उठता है कि इस बदलाव से जयापुर में क्या उम्मीदें जगी हैं?

मिड-डे मील

अब तक सुख-सुविधाओं से महरूम रहे जयापुर प्राथमिक स्कूल के बच्चे अब सुधार की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

इस गांव के अखिलेश को लगता है कि आने वाले कल में वह भी प्रधानमंत्री बन सकता है.

स्कूल के बच्चे कहते हैं कि मिड डे मील के खाने का स्वाद अब बेहतर हो गया है.

2011 की जनगणना के अनुसार जयापुर में एक हजार पुरुषों पर 930 महिलाएं हैं.

लिंगानुपात

गांव के 30 फीसदी लोग खेती करते हैं और 20 फीसदी खेतीहर मजदूर हैं. यहां 34.1 फीसदी आबादी कामकाजी है.

जयापुर गांव की तुलना पहले वाराणसी, फिर उत्तर प्रदेश और फिर पूरे देश से की जा सकती है.

जयापुर का लिंगानुपात उत्तर प्रदेश राज्य के लिंगानुपात से बेहतर है.

साक्षरता के मोर्चे पर जयापुर की स्थिति अपने राज्य और यहां तक कि राष्ट्रीय स्थिति से अच्छी कही जा सकती है.

साक्षरता दर

उत्तर प्रदेश की साक्षरता दर 53 फीसदी है जबकि राष्ट्रीय साक्षरता दर 73 है लेकिन जयापुर की साक्षरता दर 76 फीसदी है और इस गांव के 100 पुरुषों पर 62 महिलाएं लिखना पढ़ना जानती हैं.

जयापुर गाँव की प्रधान दुर्गा देवी केवल कक्षा आठ तक पढ़ी हैं, लेकिन अब वो गाँव को आदर्श ग्राम बनाने के लिए लोगों को मिल-जुल कर सफाई करने और लड़कियों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित कर रही हैं.

जयापुर का भला

यहां के निवासी खिलावन को आदर्श ग्राम बनने की बात तो नहीं पता पर उन्हें ख़ुशी होगी अगर बरसात में गली में पानी भरना बंद हो जाए.

इस गांव में अब भी लोग पीने के लिए कुँए का पानी इस्तेमाल करते हैं. पड़ोस के चंदापुर गाँव की रहने वाली बदामा देवी खेत में मजदूरी करती हैं.

वह बताती हैं कि उनके गाँव में भी पानी का नल नहीं है लेकिन नरेंद्र मोदी तो सिर्फ जयापुर का ही भला सोच रहे हैं.

मानिकपुर गाँव की चमेली देवी को आदर्श ग्राम योजना का नहीं पता पर प्रधानमंत्री से उन्हें उम्मीद है कि वो उनका घर बनवा देंगे.

पक्के घर

चांदपुर गाँव की रधिया को अपना गाँव न चुने जाने का दुख है और उन्हें लगता है कि उनके गाँव में अब कुछ नहीं होगा.

जयापुर गाँव में सोलर लाइट है पर लोगों को लगता है कि अब बिजली 24 घंटे आएगी.

मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की झलक जयापुर के बच्चों में देखने को मिली. समरजी देवी को उम्मीद है कि अब गांव के घर पक्के हो जाएंगे.

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