इस्लामाबाद : पाकिस्तान के राजनीतिक दलों के नेताओं ने आज भारत को चेतावनी दी कि अगर वह सिंधु जल संधि को रद्द करने का एकतरफा फैसला करता है तो इसे ‘आक्रमकता की कार्रवाई’ माना जाएगा. उन्होंने बलूचिस्तान में भारत के ‘दखल’ की निंदा भी की.प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई राजनीतिक और संसदीय पार्टियों के नेताओं की विशेष बैठक के बाद जारी साझा बयान के अनुसार इन नेताओं ने ‘क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली अकारण भारतीय आक्रमकता और बार बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किए जाने की निंदा की. ‘ नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर भारत के लक्षित हमले (सर्जिकल स्ट्राइक) के कुछ दिनों बाद आज शरीफ और उनकी कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्यों ने भारत-पाक सीमा पर ताजा हालात के बारे में विपक्षी नेताओं को जानकारी दी.
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