VIDEO: बहन को पढ़ाने की लालसा ने दिलाई राष्ट्रीय पहचान, पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में किया जिक्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2023 के आखिरी मन की बात की. इस दौरान उन्होंने झारखंड के एक टीचर का जिक्र किया, जो अपने गांव में बच्चों को मातृभाषा कुड़ुख में शिक्षा देते हैं. टीचर का नाम अरविंद उरांव है. अरविंद ने प्रभात खबर को बताया कि बैल-बकरी चराने वाले बच्चों के साथ एक स्कूल की शुरुआत हुई.

By Mahima Singh | January 1, 2024 12:01 PM
an image

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2023 के आखिरी मन की बात की, तो झारखंड के एक टीचर का जिक्र किया, जो अपने गांव में बच्चों को मातृभाषा कुड़ुख में शिक्षा देते हैं. टीचर का नाम अरविंद उरांव है. अरविंद उरांव ने प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) को बताया कि बैल-बकरी चराने वाले बच्चों के साथ एक स्कूल की शुरुआत हुई. कुड़ुख भाषा में. बच्चों की पढ़ाई की शुरुआती एक बगीचे में हुई. चार गांव के लोगों से चंदा मांगकर एक मिट्टी का घर बनाया और उसमें बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. बाद में झारखंड की शिक्षा मंत्री ने 83 हजार रुपए का चंदा दिया. उससे स्कूल में निर्माण कार्य हुआ. समाज के चंदे के पैसे से आज स्कूल बन चुका है. इसमें 300 बच्चे पढ़ते हैं. कुड़ुख भाषा के अलावा इस स्कूल में हिंदी और अंग्रेजी की भी पढ़ाई होती है. यह स्कूल गुमला जिले के सिसई ब्लॉक के मंगलो गांव में है. स्कूल का नाम कार्तिक उरांव आदिवासी कुड़ुख स्कूल मंगलो है. एक समिति के माध्यम से इस स्कूल का संचालन होता है. इसमें सात शिक्षक हैं. दो अन्य शिक्षकों का भी चयन हो चुका है.

Send feedback

Side panels

History

Saved

Contribute

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version