राज्य में संचालित 1250 वित्त रहित संस्कृत स्कूल, हाइ स्कूल, मदरसा व इंटर कॉलेजों में 23 फरवरी को शैक्षणिक हड़ताल रहेगी. उस दिन पठन-पाठन सहित सारी शैक्षणिक गतिविधियां ठप रहेंगी. शिक्षक व कर्मचारी काम नहीं करेंगे. शिक्षण संस्थानों के प्रवेश द्वार पर धरना-प्रदर्शन होगा. विभिन्न मांगों को लेकर झारखंड राज्य वित्तरहित संघर्ष मोर्चा की ओर से आंदोलनात्मक कार्यक्रमों की घोषणा की गयी है.
विस सत्र के समय चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चलाने की बात कही गयी. वित्तरहित संघर्ष मोर्चा की बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार 24 फरवरी को राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व सचिव को ज्ञापन दिया जायेगा. 25 फरवरी को 10 हजार शिक्षक-कर्मी काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे.
कहा गया कि सरकार वित्त रहित संस्थाओं के साथ दोहरा मापदंड अपना रही है. पारा शिक्षकों की समस्या राज्य अलग होने के बाद का था, जबकि वित्तरहित संस्थाओं का मामला एकीकृत बिहार के समय से ही चल रहा है. लगभग 25 से 30 वर्ष हो गये, लेकिन अब तक समस्याओं का निदान नहीं हुआ है.
मोर्चा की मुख्य मांगें
जैक बोर्ड का पूर्ण गठन व वित्तरहित स्कूल-इंटर कॉलेजों का अधिग्रहण
संस्कृत एवं मदरसा विद्यालयों को नियमावली 2015 के अनुसार दो गुना अनुदान मिले
सेवा शर्त नियमावली मंत्री परिषद को सहमति के लिए भेजी जाये
अनुदान की राशि सीधे स्कूलों और कॉलेजों के खाते में भेजी जाये
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