पश्चिमी उत्तर प्रदेश का समीकरण, ‍BSP को दलित मतदाताओं का समर्थन, किसान आंदोलन से BJP की बढ़ी मुश्किलें?

साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों (Muzaffarnagar Riots 2013) के बाद बीजेपी को जाटों का भरपूर साथ मिला था. इस बार किसान आंदोलन से गेम पलटती दिख रही है. स्थिति 2013 से पहले की बन रही है. उस समय मुस्लिम और जाट एकसाथ वोट देते थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 24, 2021 5:25 PM
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UP Election 2022: उत्तर प्रदेश के सियासी रण में चुनावी बिसात बिछ गई है. वहीं, किसान आंदोलन (Kisan Andolan) ने भी यूपी में बीजेपी (UP BJP) के लिए खतरा बढ़ाया है. जबकि, जाट वोटबैंक (Jat Votebank) के गेमचेंजर (Gamechanger) बनने की बात कही जा रही है. दरअसल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश (West Uttar Pradesh) में 110 से ज्यादा विधान सभा सीटें हैं. इनमें 2017 में बीजेपी (BJP) ने 90 के करीब सीटें जीती थी. साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों (Muzaffarnagar Riots 2013) के बाद बीजेपी को जाटों का भरपूर साथ मिला था. इस बार किसान आंदोलन से गेम पलटती दिख रही है. स्थिति 2013 से पहले की बन रही है. उस समय मुस्लिम और जाट एकसाथ वोट देते थे.

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