न कोई ऐसा युग था, न आयेगा, जब किताबें नहीं होंगी

मशहूर रंगकर्मी सफदर हाशमी की एक कविता है,’किताबें करती हैं बातें/बीते जमानों की/ दुनिया की/इंसानों की/आज की कल की/एक-एक पल की.’ कहते हैं, किताबें जीवन और दुनिया को जानने का बेहतरीन माध्यम हैं. हमारी सबसे अच्छी साथी हैं. हमारे समय के महत्वपूर्ण लेखक नरेंद्र कोहली से प्रीति सिंह परिहार की बातचीत किताबों से उनके रिश्ते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 16, 2017 6:14 AM
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