इमरजेंसी : जागते रहो का दिन

आज हमने जनता को नहीं जगाया, तो एक बार फिर कहना पड़ेगा कि अरे ‘यह क्या हो गया’ कुमार शुभमूर्ति 26 जून, 1975 की सुबह आठ बजे से हम संघर्ष वाहिनी के युवा साथी एक जगह जुटने लगे थे. पटना के हिंदी साहित्य सम्मेलन भवन में संघर्ष वाहिनी का सम्मेलन आयोजित था. इस निर्दलीय युवा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2017 6:56 AM
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