इन तीनों युवाओं ने पाकिस्तान के युवाओं के साथ दोस्ती की एकतरफा पहल शुरू की. इस पहल के परिणाम स्वरूप इन्हें पाकिस्तान में भी इनके जैसे उत्साही और दोस्ती निभाने वाले युवा साथी मिल गये. पाकिस्तान में आगाज-ए-दोस्ती के संयोजक राजा खान हैं. वर्ष 2013 में पाकिस्तानी युवाओं के एक संगठन ‘द केटेलिस्ट’ के साथ मिलकर इन्होंने आगाज-ए-दोस्ती को जारी रखा. धीरे-धीरे दोनों देशों के कई युवा साथी इस मुहिम से जुड़ते चले गये. आज दोनों देशों में आगाज-ए-दोस्ती के करीब 15 चैप्टर हैं और हर चैप्टर की एक टीम है. पाकिस्तान में साफिया बुखारी, उमेर अहमद, नसीमा करीम और सबा खालिद जैसे युवाओं ने इस मुहिम को स्थापित करने में काफी योगदान दिया. दोनों देशों में करीब 100 से ज्यादा युवा सक्रिय रूप से इस मुहिम में योगदान कर रहे हैं.
दोस्ती व शांति का पढ़ा रहे पाठ
आगाज-ए-दोस्ती के तहत दोनों देशों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. सबसे पहले इन युवाओं ने पीस कैलेंडर निकालना शुरू किया. रवि बताते हैं कि इसके तहत भारत और पाकिस्तान के चुने हुए स्कूल के बच्चों से पेंटिंग मंगवायी जाती है. फिर उनमें से चुनिंदा 12 पेंटिंग्स सोशल वोटिंग के जरिये सोशल मीडिया पर चुने जाते हैं. इसके बाद दोनों देशों में इन पेंटिंग्स की कैलेंडर बनाकर लॉन्च की जाती है. वहीं आगाज-ए-दोस्ती अमन चौपाल कार्यक्रम चलाता है.
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