लेकिन, यह मुलाकात जिस बदलते हुए क्षेत्रीय माहौल में हो रही है, वह महत्वपूर्ण जरूर है. चीन और उत्तर कोरिया के आक्रामक रवैये से जापान थोड़ा चिंतित है. उन दोनों देशों के इस रवैये से उसकी सुरक्षा को होनेवाले संभावित खतरे के हल के लिए उसने कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिये हैं. जाहिर है कि वह चीन और उत्तर कोरिया पर दबाव डालने के उद्देश्य से भारत समेत पूरी दुनिया में एक आम राय कायम करना चाहता है. भारत अभी-अभी डोकलाम विषय पर चीन के उग्र रवैये और उससे उत्पन्न होनेवाली तनावपूर्ण स्थिति से उबरा है.
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