उड़त गुलाल लाल भए बादर, जोगीरा सा रा रा… रा

आनंद और खुशी से सराबोर होली के बारे में नजीर अकबराबादी कहते हैं- तरब है, ऐश है, चुहलें हैं, रंग रलियां हैं/ अजब ‘नजीर’ है फरखुंदा हाल होली का. पद्माकर की मानें, तो ‘आई खेलि होरी, कहूं नवल किसोरी भोरी/ बोरी गयी रंगन सुगंधन झकोरै है.’ रंगों में एक रंग मोहब्बत का भी है. हरिवंश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2018 7:14 AM
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