पुरुषोत्तम की यात्रा में मर्यादा की कसौटी

II डॉ मयंक मुरारी II चिंतक और लेखक राम के दर्शन से अहल्या भाव विभोर है. वह देखी रही है. ब्रह्मस्वरूप राम भूमि से उठाकर माता अहल्या का चरण स्पर्श कर रहे हैं. अपने उदार गैरिक वसन से अहल्या के भस्माच्छादित शरीर से धूल पोंछ रहे हैं. अहल्या सोचती है कि ऐ स्पर्श! तेरे कितने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2018 6:46 AM
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