छठ-गीतों में छि‍पा है लोक-मर्म, रूढ़ियों के विरोध का मुखरित होता है स्वर

बि‍हार के लोक-पर्व छठ के अवसर पर गाये जानेवाले भोजपुरी, मैथि‍ली, अंगि‍का, वज्जिका आदि‍ जन भाषाओं के गीतों में जीवन का सतत नाद गूंजता है. इस सतत नाद में जीवन का हर पक्ष मुखरि‍त होता रहा है. संवेदनशील और धवल पक्ष के साथ-साथ जीवन के श्याम-पक्ष की अनगि‍नत छायाएं साथ-साथ चलती रही हैं. लोकगीत केवल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2018 6:42 AM
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