कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत जनवरी, 1948 में संयुक्त राष्ट्र गया. इसके बाद पाकिस्तान भी यहां मुद्दा उठाया. इसके बाद यूएन ने एक कमीशन बैठाया, जिसका नाम ‘यूनाइटेड नेशन कमीशन फॉर इंडिया एंड पाकिस्तान’ था. इसमें पांच सदस्य थे. इन पांचों लोगों ने भारत और कश्मीर का दौरा किया और हल निकालने की कोशिश की, लेकिन नहीं निकला. हालांकि, इस कमीशन से एक समाधान निकला. इसमें तीन कॉनसेक्युन्शल नॉन बाइडिंग स्टेप्स थे. कॉनसेक्युन्शल का अर्थ है कि तीनों शर्तों में यदि पहली शर्त मानी गयी, तो दूसरी शर्त मानी जायेगी. ये तीन समाधान ऐेसे हैं.
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