ढुल्लुओं पर ढलती भाजपा

अच्छे दिनों की आस में संघ-भाजपा कार्यकर्ताओं के बुरे दिन-तीन कुजात स्वयंसेवक हिरण्मयेन पात्रेण सत्यस्यापिहितं मुखम्। तत्त्वं पूषन्नपावृणु सत्यधर्माय दृष्टये॥ -ईशोपनिषद् अर्थात् ‘सत्य का मुख सोने के (चमकीले) आवरण से ढका है. सत्य का दर्शन करने के लिए उस चमकदार आवरण को हटाना होगा.’ उपनिषद् का ऋषि ठीक तो कहता है. आरएसएस एवं भाजपा के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2014 7:25 AM
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