कहत भिखारी सहजे बात, हमरा नइखे इहे बुझात..

निराला भिखारी ठाकुर हर रूप में प्रेरित करते हैं. नाटककार, गीतकार, कवि, भाषासेवी, गवइया. लेकिन समझ में नहीं आता कि वह बिहार समेत पूरी हिंदी पट्टी के लिए प्रेरणा क्यों नहीं बन पाते. भिखारी ने 30 की उम्र के बाद पढ़ना-लिखना शुरू किया. उसके पहले उस्तरा चला रहे थे. जिस उम्र में कुछ नहीं करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2014 8:18 AM
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