अब किसी के एजेंडे में नहीं है समाज सुधार

हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित समालोचक, गहन अध्येता और प्राध्यापक नामवर सिंह की हिंदी आलोचना एवं वैचारिकता के विस्तार व विकास में अहम भूमिका रही है. 90 वर्ष की आयु में भी हिंदी आलोचना परिदृश्य में उनकी बौद्धिक उपस्थिति असंदिग्ध है. आज के समय में देश, समाज और साहित्य की दशा-दिशा व भविष्य को लेकर नामवर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2015 9:14 AM
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