संस्थाएं हुईं खोखली, संविधान शक्तिहीन

भारत में एक किस्म की फ्रांसीसी क्रांति अवश्यंभावी मार्कंडेय काटजू मैं नहीं चाहता कि मेरी बातें डरानेवाली जैसी लगें, मगर मुझे लगता है कि भारत में एक किस्म की फ्रांसीसी क्रांति अवश्यंभावी है. जरा इन तथ्यों पर गौर कीजिए: हमारे देश की सभी संस्थाएं (इंस्टीट्यूशंस) खोखली हो चुकी हैं और संविधान भी शक्तिहीन हो चुका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2015 8:00 AM
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