इंद्राणी की कहानी -2 : लाभ-हानि के बीच डूबते रिश्ते…

रिश्तों का उपभोक्तावाद पंकज मुकाती ये वाक्य बदलते भारत की तसवीर बताते हैं. पीटर आज भी इंद्राणी से प्यार करता है. पर, वो अपने ससुर से कभी नहीं मिला. ये कैसे संभव है, हिंदुस्तानी समाज में. पर, अब ये हो रहा है. दामाद, ससुर को नहीं जानता, ससुर दामाद को नहीं पहचानता. जबकि बेटी घर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2015 6:52 AM
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