मैली होकर बेकार हो जायेंगी नदियां

नदी से सिमट कर जलधारा में बदल गयी यमुना नदियां हमारी संस्कृति की खेवनहार हैं. ये महज जल का स्रोत नहीं, बल्कि हमारे सुख-दुख की साथी हैं. लेकिन विकास की अंधी दौड़ में हम इन्हें इतना गंदा कर चुके हैं कि अधिकांश नदियां अब किसी काम की नहीं रह गयी हैं. पितृपक्ष पर पितरों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2015 8:54 AM
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