चंपारण सत्याग्रह के सौ साल : कहीं रांची में नजरबंद न कर लिये जाएं महात्मा

अजय कुमार चंपारण में गांधी के पांव पड़ते ही रैयतों में नयी जान आ गयी. निलहे चाहते थे कि गांधी को किसी तरह यहां से निकाल-बाहर किया जाये. वे अशांति का बहाना बना रहे थे. सरकार भी इस उथल-पुथल पर नजर रख रही थी. चंपारण में गांधी किसानों का हाल जानने के लिए अलग-अलग गांवों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2017 5:32 AM
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