ट्रंप के टैरिफ के बीच भारत की दहाड़, अजीत डोभाल रूस पहुंचकर अमेरिका को दिया कड़ा जवाब
Ajit Doval Visits Russia: अजीत डोभाल की रूस यात्रा भारत-रूस रक्षा साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम है. ट्रंप के आरोपों और टैरिफ के बीच यह दौरा वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों में भारत की रणनीतिक स्थिति को दर्शाता है.
By Govind Jee | August 6, 2025 8:17 AM
Ajit Doval Visits Russia: नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजीत डोभाल मंगलवार को रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचे, जहां भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी और रक्षा सहयोग को लेकर अहम बातचीत होनी है. भले ही यह यात्रा पहले से तय थी, लेकिन इसका महत्व उस समय और बढ़ गया है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर तीखा हमला बोला है. रूसी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, डोभाल की यात्रा के दौरान वर्तमान भू-राजनीतिक हालातों के अलावा रूस से भारत को तेल आपूर्ति जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा होगी.
Ajit Doval Visits Russia in Hindi: रूसी उप-रक्षा मंत्री से मिले भारतीय राजदूत
डोभाल के दौरे से पहले रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने रूसी उप-रक्षा मंत्री कर्नल जनरल अलेक्जेंडर फोमिन से मुलाकात की. रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह मुलाकात “गर्मजोशी और मित्रता पूर्ण माहौल में” हुई, जैसा कि भारत-रूस संबंधों में आमतौर पर देखा जाता है. रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की और विशेष रणनीतिक साझेदारी की भावना के तहत आपसी सहयोग को और मजबूती देने की प्रतिबद्धता जताई.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ (शुल्क) लगाने का ऐलान किया है. ट्रंप का आरोप है कि भारत रूस से न सिर्फ तेल और हथियार खरीद रहा है, बल्कि उस तेल को खुले बाजार में बेचकर भारी मुनाफा भी कमा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत रूस की “वॉर मशीन” को समर्थन देता रहा तो वे भारत पर और भी कड़े टैरिफ लगाएंगे. ट्रंप भारत और रूस को लेकर कहा था कि दोनों देश अपने डेड़ इकॉनमी लेकर डुब जाए मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है.
⚡️ India’s TOP security chief lands in Moscow
Ajit Doval to discuss STRATEGIC partnership and defense ties with Russia — TASS
भारत ने अमेरिका और यूरोपीय यूनियन की आलोचना का सख्ती से जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने अपने बयान में पश्चिमी देशों के आरोपों को “अनुचित” बताया है. मंत्रालय ने कहा कि ये वही देश हैं जो आज भी रूस से वस्तुएं और सेवाएं खरीद रहे हैं और पहले खुद अन्य देशों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे हैं ताकि वैश्विक ऊर्जा बाजार की स्थिरता बनी रहे. यह कूटनीतिक गतिरोध भारत-रूस संबंधों के भविष्य और वैश्विक ऊर्जा संतुलन को लेकर बेहद अहम माना जा रहा है.