Home Badi Khabar कोरोना वायरस से क्या जंग जीत पाएगी दुनिया ? डब्ल्यूएचओ ने कही ये बड़ी बात

कोरोना वायरस से क्या जंग जीत पाएगी दुनिया ? डब्ल्यूएचओ ने कही ये बड़ी बात

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कोरोना वायरस से क्या जंग जीत पाएगी दुनिया ? डब्ल्यूएचओ ने कही ये बड़ी बात
Gaya: Stranded Thai nationals stand in a queue to board a special flight to Bangkok at Gaya airport, during the ongoing COVID-19 lockdown, in Gaya, Wednesday, May 13, 2020. (PTI Photo)(PTI13-05-2020_000042A)

जिनेवा : विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात परिस्थिति संबंधी प्रमुख ने कहा है कि यह अनुमान लगाना असंभव है कि वैश्विक महामारी पर कब तक नियंत्रण पाया जा सकेगा. डॉ. माइकल रयान ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘संभवत: यह वायरस कभी न जाए.” उन्होंने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या अभी तक कम है. उन्होंने कहा कि टीके के अभाव में लोगों के भीतर इस विषाणु के खिलाफ प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होने में वर्षों लग सकते हैं.

उन्होंने कहा कि यह हमारे समुदायों में एक अन्य महामारी विषाणु बन सकता है. पहले आई अन्य बीमारियां जैसे कि एचआईवी कभी खत्म नहीं हुई बल्कि उनका इलाज खोजा गया ताकि लोग इस बीमारी के साथ जी सकें. रयान ने बताया कि ऐसी उम्मीद है कि इसका एक प्रभावी टीका आएगा लेकिन तब भी इसे बड़ी मात्रा में बनाने और दुनियाभर के लोगों तक मुहैया कराने के लिए बहुत काम करने की आवश्यकता होगी.

अकादमिक प्रयोगशालाओं को कोविड-19 जांच केंद्र में बदलने की रूपरेखा बना रहे वैज्ञानिक

कोविड-19 के लिए नैदानिक जांच की बढ़ती मांग को देखते हुए वैज्ञानिकों ने अकादमिक प्रयोगशालाओं को नोवेल कोरोना वायरस के लिए नमूनों की जांच के केंद्रों में बदलने का खाका तैयार किया है. अमेरिका में बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रमुख शोधकर्ता जॉर्ज मर्फी ने कहा कि देशभर में अन्य बुनियादी जीवविज्ञान प्रयोगशालाओं को महामारी के कारण कामकाज बंद करने के लिए बाध्य होना पड़ा. मर्फी और उनकी टीम ने कहा कि उन्हें क्यूआरटी-पीसीआर जांच के तरीके को विकसित करने का व्यापक अनुभव है जिससे रोगी के नमूने में आरएनए की मौजूदगी का पता लगाया जाता है. इसके बाद उन्होंने अपनी प्रयोगशाला को कॉलेज ऑफ अमेरिकन पैथेलॉजीस (सीएपी) द्वारा मान्यता प्राप्त नैदानिक प्रयोगशाला में बदल दिया.

अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन से आपातकालीन अनुमति मांगी

वैज्ञानिकों ने इसके लिए अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन से आपातकालीन अनुमति मांगी और एक सप्ताह से कम समय के भीतर कामकाज शुरू कर दिया. अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार 20 अप्रैल, 2020 की स्थिति के अनुसार उन्होंने 3,000 से अधिक नमूनों की जांच की है. उन्होंने कहा कि करीब 45 प्रतिशत नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुई. इधर, अमेरिका में कोरोना वायरस से पिछले 24 घंटे में 1,813 लोगों की मौत हो चुकी है. अमेरिका में लगातार कोरोना के मामले बढ रहे हैं.

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