भारत की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी 2020 तक अपना पहला इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में लांच कर देगी. जी हां, मारुति सुजुकी की पैरेंट कंपनी सुजुकी ने इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए टोयोटा के साथ सहमति प्रपत्र (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं.
यहां यह जानना गौरतलब है कि देश में ईको-फ्रेंडली मोबिलिटी सॉल्यूशंस पर जोर दिया जा रहा है. इसी दिशा में मारुति सुजुकी भी आगे बढ़ रही है.
मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आरसी भार्गव का कहना है कि वहनीयता एक प्रमुख चुनौती है, जिसका सामना इलेक्ट्रिक वाहनों को करना होगा. ऐसे वाहनों की सफलता के लिए जरूरी है कि बैटरियों और अन्य कलपुर्जों का निर्माण भारत में ही करने पर ध्यान केंद्रित किया जाये, ताकि उनकी लागत कम हो.
बहरहाल, इस सुजुकी और टोयोटा के इस एग्रीमेंट के हिसाब से दोनों कंपनियां भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में इलेक्ट्रिक वाहन लांच करने के लिए साथ मिल कर काम करेंगी.
एग्रीमेंट के हिसाब से दोनों जापानी कंपनियां, टोयोटा और सुजुकी, मिल कर भारत में इलेक्ट्रिक वाहन पेश करेंगी जो मारुति सुजुकी के बैनर तले बिकेगी. यह कंपनी के 2030 तक भारत में पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध कराने के लक्ष्य का पहला कदम होगा.
पेट्रोल की जगह बैटरी से चलनेवाली मारुति की इन कारों की कीमत क्या होगी, इस बारे में आरसी भार्गव का कहना है कि भारत में लांच के शुरुआती दौर में इन कारों की कीमत ज्यादा होगी, लेकिन जब इसके पुर्जे भारत में बनने लगेंगे तब कार की कीमत कम हो जायेगी. तब तक इन कारों की कीमत फिलहाल बिक रही कारों से कुछ ज्यादा होगी.
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकारी प्रोत्साहन की जरूरत पर भार्गव ने कहा, जहां तक मेरा मानना है, इसकी जरूरत तो पड़ेगी. लेकिन कितना, यह कहना अभी मुश्किल है.
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