नई दिल्ली : भारत की राजधानी दिल्ली में वाहनों से निकलने वाले जहरीले धुंए की वजह से आबोहवा काफी खराब हो चुकी हैं. वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में लगातार उतार-चढ़ाव होने की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार शहर की हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ने के पीछे पेट्रोल-डीजल से चलने वाले आईसीई इंजन वाहनों से निकलने वाले धुंए को जिम्मेदार मानती है. इस बीच, एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. वह यह कि दिल्ली में करीब 22 लाख से अधिक गाड़ियां बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र (पीयूसी सर्टिफिकेट) के शहर की सड़कों पर दौड़ रही हैं. इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि इतनी बड़ी संख्या में प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों में से कार्रवाई सिर्फ 2.4 लाख वाहन मालिकों के खिलाफ ही की जा सकी है.
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