सरकार ने ब्रॉडबैंड संपर्क की परिभाषा को संशोधित करते हुए न्यूनतम डाउनलोड स्पीड को दो एमबीपीएस (मेगाबिट्स प्रति सेकंड) कर दिया है. एक गजट अधिसूचना से यह जानकारी मिली है. इससे पहले, दूरसंचार विभाग ने जुलाई 2013 में अधिसूचित परिभाषा में इसे न्यूनतम डाउनलोड गति के रूप में 512 केबीपीएस (किलोबाइट प्रति सेकंड) पर बेंचमार्क किया था.
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अधिसूचना में कहा गया है, 18 जुलाई 2013 की अधिसूचना द्वारा जारी ब्रॉडबैंड की परिभाषा को बदलते हुए और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद, केंद्र सरकार ने ब्रॉडबैंड की परिभाषा में संशोधन किया है. यह अधिसूचना 25 जनवरी, 2023 से लागू हो गई है. देश में 30 नवंबर, 2022 तक लगभग 82.54 करोड़ ब्रॉडबैंड ग्राहक थे, जिनमें से 79.35 करोड़ वायरलेस ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ता और शेष वायरलाइन उपयोगकर्ता थे.
भारत की टॉप-5 ब्रॉडबैंड कंपनियां
भारत में टॉप-5 सर्विस प्रोवाइडर्स का नवंबर 2022 के अंत में कुल ब्रॉडबैंड यूजर्स के 98.4% मार्केट शेयर पर कब्जा रहा है. भारत के शीर्ष 5 सर्विस प्रोवाइडरों में रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड (43 करोड़ यूजर्स), भारती एयरटेल (23 करोड़ यूजर्स), वोडाफोन आइडिया (12.3 करोड़ यूजर्स), बीएसएनएल (2.5 करोड़ यूजर्स) और एट्रिया कन्वर्जेंस (21 लाख यूजर्स) शामिल हैं.
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