डबल डेकर बसों को पहली बार 1937 में मुंबई में पेश किया गया था. वे जल्द ही शहर के सबसे लोकप्रिय परिवहन साधनों में से एक बन गईं. इन बसों को उनके आरामदायक सवारी, शानदार दृश्य और आकर्षक डिजाइन के लिए जाना जाता था.
शुक्रवार को, मुंबई के लोगों ने डबल डेकर बसों के लिए एक भावनात्मक विदाई समारोह आयोजित किया. समारोह में, बसों को एक परेड के साथ शहर के चारों ओर ले जाया गया. हजारों लोगों ने बसों को देखने और उनके साथ एक अंतिम तस्वीर लेने के लिए इकट्ठा हुए.
समारोह में, कई लोगों ने डबल डेकर बसों के बारे में अपने प्यार और स्नेह को व्यक्त किया. एक यात्री ने कहा, “मैंने इन बसों में अपना बचपन बिताया है. वे मेरे लिए एक प्रिय याद हैं.” एक अन्य यात्री ने कहा, “ये बसें मुंबई की सड़कों की एक पहचान थीं. मुझे बहुत दुख है कि वे अब नहीं रहेंगी.”
डबल डेकर बसों को इलेक्ट्रिक डबल-डेकर बसों से बदल दिया जा रहा है. नई बसें अधिक आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल हैं. हालांकि, कई लोगों का मानना है कि वे पुरानी बसों की तरह आकर्षक नहीं हैं. डबल डेकर बसों के जाने से मुंबई के लोगों में एक खालीपन की भावना है. ये बसें शहर के इतिहास और संस्कृति का एक हिस्सा थीं. वे मुंबईकरों के जीवन का एक अभिन्न अंग बन गई थीं.
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