इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले उद्योग निकाय ने बयान में कहा कि इस महीने की शुरुआत से इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी घट गई है, ऐसे में हरित कर से ईवी की बिक्री में अपेक्षित गिरावट को रोका जा सकेगा.
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एसएमईवी का मानना है कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी के वित्तपोषण और फेम योजना को पटरी पर लाने के लिए प्रदूषण फैलाने वाले पारंपरिक आईसीई दोपहिया वाहनों पर कर में एक प्रतिशत की वृद्धि करने की जरूरत है.
एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि यही समय है कि ईवी क्षेत्र को आईसीई वाहनों से टक्कर लेने दी जाए. गिल ने कहा कि एक उद्योग के रूप में हम जागरूकता तथा स्वीकार्यता के मुद्दों से जूझ रहे हैं, लेकिन ईवी के मामले में सबसे बड़ी चुनौती लागत की है, जो भारत मूल्य की दृष्टि से काफी संवेदनशील बाजार है.