सिडबी ने बयान में कहा, ‘मिशन 50के-ईवी4ईसीओ’ के प्रायोगिक चरण का लक्ष्य ईवी परिवेश को मजबूत करना है, जिसके तहत प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से ऋण दिलाकर दो, तीन और चार-पहिया वाहनों तक ले जाना है. प्रायोगिक योजना के दो घटक- प्रत्यक्ष ऋण और अप्रत्यक्ष ऋण हैं.
Also Read: EV सेक्टर में बाहुबली बनेगा भारत, सरकार अगर कर ले यह काम
सिडबी ने कहा, विभिन्न पक्षों के साथ विस्तृत चर्चा से पता चला कि एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) और एनबीएफसी के सामने प्रतिस्पर्धी ब्याज दर सहित पर्याप्त वित्त तक पहुंच एक चुनौती है. ये दोनों ईवी परिवेश की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं. उसने यह भी कहा कि आपूर्ति के मामले में बैंक अधिकारियों ने इन परियोजनाओं को उच्च जोखिम वाला माना.
सिडबी ने बयान में कहा, प्रत्यक्ष ऋण के तहत संस्थान ईवी खरीद और बैटरी बदलने सहित चार्जिंग ढांचा विकसित करने के लिए पात्र एमएसएमई को सीधे ऋण देगा. उसने बताया कि वहीं, परोक्ष योजना में एनबीएफसी को लक्ष्य बनाया गया है.