नयी पॉलिसी के पीछे कंपनी ने दिया तर्क
गूगल नयी इनएक्टिव पॉलिसी को लागू करने के पीछे तर्क देते हुए कंपनी के वाईस प्रेसिडेंट और प्रोडक्ट मैनेजर रूथ क्रिचेली ने एक आधिकारिक ब्लॉग पोस्ट में कहा- हमारे आंतरिक एनालिसिस से पता चलता है कि छोड़े हुए अकाउंट्स में एक्टिव यूजर्स की तुलना में 2 स्टेप वेरिफिकेशन स्थापित करने की संभावना कम से कम 10 गुना तक कम है. इसका मतलब है कि ये अक्सर असुरक्षित होते हैं, और एक बार कोम्प्रोमाईज हो जाने के बाद, आइडेंटिटी की चोरी से लेकर अनवांटेड या मैलिसियस कंटेंट जैसे स्पैम के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
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हालांकि यह पॉलिसी पहले से ही लागू है लेकिन, इसका असर यूजर्स को तुरंत देखने को नहीं मिलेगा. रिपोर्ट्स की माने तो कंपनी दिसंबर के महीने से सभी इनएक्टिव अकाउंट्स को डिलीट करना शुरू करेगी. केवल यहीं नहीं बनाए जाने के बाद से इनएक्टिव अकाउंट्स पर सबसे पहले इसका असर पड़ेगा. जानकारी के लिए बता दें केवल पर्सनल अकाउंट्स पर ही इस पॉलिसी का असर पड़ेगा. इस पॉलिसी का असर संसथान या फिर स्कूल के लिए बनाये गए अकाउंट्स पर नहीं पड़ेगा. अकाउंट डिलीट करने से पहले कंपनी यूजर को कई बार नोटिफिकेशन भेजेगी. यह नोटिफिकेशन यूजर के प्राइमरी अकाउंट के साथ ही उनके रिकवरी अकाउंट पर भी भेजी जाएगी. किसी अकाउंट को हटाने से Google वर्कस्पेस (Gmail, Docx, Drive, Meet, Calendar), YouTube और Google फोटो के कंटेंट भी प्रभावित होंगे.
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