चैटजीपीटी प्रतिस्पर्धा में आगे न निकल जाए
सु्ंदर पिचाई के अनुसार, एआई में अपडेट होने से गूगल तरह-तरह की खोज का जवाब देने में सक्षम होगा. पिचाई ने कहा है कि अवसर और स्थान का जितना जल्दी हो सके फायदा उठाना चाहिए. गूगल ने यह फैसला चैट जीपीटी से टक्कर मिलने के बाद लिया है. गूगल को डर है कि चैटजीपीटी प्रतिस्पर्धा में आगे न निकल जाए. आपको बता दें कि अमेरिकी टेक फर्म गूगल का मेन बिजनेस ‘सर्च इंजन’ है और पैरेंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet) के रेवन्यू में इसकी आधी हिस्सेदारी है. दो दशक से सर्च इंजन की दुनिया पर राज करनेवाली कंपनी के लिए चैटीजीपीटी के आने से एक नयी चुनौती खड़ी हो गई है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बेस्ड चैटबॉट्स गूगल के सर्च इंजन बिजनेस का खेल बिगाड़ सकते हैं.
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समय रहते गूगल ने भांप लिया खतरा
माइक्रोसॉफ्ट के सपोर्ट के साथ एआई रिसर्च फर्म OpenAI ने पिछले साल ChatGPT को लॉन्च किया. इसके बाद माइक्रोसॉफ्ट ने बिंग का नया अवतार Bing AI भी पेश कर दिया जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करता है. इससे गूगल सर्च इंजन के बिजनेस के लिए खतरा पैदा हो गया. इनके जवाब में ही कंपनी Bard AI पेश किया है. गूगल के लिए बार्ड एक बड़ी चिंता है क्योंकि इसने अब तक अपनी बेस्ट परफाॅर्मेंस नहीं दी है. चैटजीपीटी की तुलना में बार्ड उतनी सनसनी पैदा नहीं कर पाया है. ChatGPT की वजह से उपजे खतरे को गूगल ने समय रहते भांप लिया है. अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई गूगल सर्च इंजन में कंपनी के AI चैटबॉट को जोड़ने की प्लानिंग कर रहे हैं. गूगल ने हाल ही में Bard AI चैटबॉट पेश किया था. अब कंपनी इसे गूगल सर्च इंजन में जोड़ने की तैयारी कर रही है.
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