दिल्ली परिवहन विभाग ने शुरू किया पायलट प्रोजेक्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली परिवहन विभाग की ओर से आरंभिक तौर पर शहर के चार पेट्रोल पंपों पर सीसीटीवी लगाकर पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई. विभाग की इस पहल के तहत पेट्रोल पंप पर गाड़ी में तेल भरवाते समय सीसीटीवी कैमरा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के नंबर प्लेट का फोटो खींच लेता है. इसके बाद परिवहन विभाग पलक झपकते ही प्रदूषण फैलाने वाली उस गाड़ी की कुंडली खंगाल लेता है. इससे विभाग को यह पता चल जाता है कि किस गाड़ी के मालिक के पास पीयूसी यानी पॉल्यूशन अंडर चेक सर्टिफिकेट है या नहीं. यह पायलट प्रोजेक्ट छोटे स्तर पर शुरू किया गया, ताकि ज्यादा अच्छे तरीके से इसके कारगर होने का पता चल सके.
पलक झपकते कट जाता है चालान
रिपोर्ट में कहा गया है कि परिवहन विभाग की योजना को दिल्ली में प्रदूषण कम करने को लेकर पेट्रोल पंपों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने में अधिक लागत नहीं आ रही है और काम भी हो जा रहा है. पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिए नंबर प्लेट की तस्वीर साफ-सुथरी खींच ली जाती है. इस तस्वीर को पेट्रोल पंप के सर्वर के अलावा दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के अतिरिक्त सीपीयू में रूट कर दिया जाता है. बाकी काम कंप्यूटर अपने आप कर लेता है.
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इसका मतलब यह कि इस काम के लिए परिवहन विभाग की ओर से किसी कर्मचारी को नियुक्त नहीं किया गया है. इसे लेकर सरकार का कहना है कि पेट्रोल पंप की पहचान इसलिए भी गोपनीय रखी जा रही है, ताकि लोगों को इस बात के लिए सजग किया जा सके कि उनका चालान किसी भी पेट्रोल पंप पर कट सकता है.
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ऑटोमैटिक कट जाएंगे चालान
दिल्ली परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि देश भर में सबसे पहले ऐसा प्रयोग दिल्ली किया जा रहा है. इसके नतीजे भी चौंकाने वाले आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने के एक महीने के अंदर करीब 800 से ज्यादा चालान काट दिए गए. पायलट प्रोजेक्ट कामयाब होने पर दिल्ली परिवहन विभाग ने फैसला किया है कि सीसीटीवी कैमरों को 4 से बढ़ाकर 25 पेट्रोल पंप पर लगाया जाएगा. इतना ही नहीं, आनेवाले दिनों में ऐसे पंप की संख्या बढ़ा कर 500 तक करने की योजना है, ताकि दिल्ली को प्रदूषणमुक्त किया जा सके.