भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग इस समय अपने उत्पादों को यूरो-6 उत्सर्जन मानदंडों के बराबर भारत स्टेज-6 के दूसरे चरण को पूरा करने के लिए काम कर रहा है. इसके तहत चौपहिया यात्री और वाणिज्यिक वाहनों को उत्सर्जन मानकों के अगले स्तर के अनुरूप बनाना होगा.
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बीएस-6 उत्सर्जन मानदंड का दूसरा चरण एक अप्रैल से लागू होने वाला है. इन मानकों के लागू होने से कार की कीमतें भी बढ़ने का अनुमान है, क्योंकि ऑटोमोबाइल कंपनियां पावरट्रेन में अतिरिक्त उपकरण जोड़ने के लिए निवेश कर रही हैं.
टाटा मोटर्स यात्री वाहन के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने बताया, हमारे वाहन तय समयसीमा से पहले ही फरवरी 2023 में बीएस-6 चरण दो उत्सर्जन मानदंडों के अनुरूप बन चुके हैं. हमने बेहतर प्रदर्शन के साथ उत्पादों को उन्नत बनाया है, नयी प्रौद्योगिकी विशेषताओं को जोड़ा है और वाहनों की वारंटी बढ़ाई है.
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शैलेश चंद्रा ने बताया, जहां तक कीमत का संबंध है, इस नियामक परिवर्तन से लागत में हुई बढ़ोतरी को फरवरी में घोषित मूल्य वृद्धि में आंशिक रूप से समाहित किया गया है. उन्होंने कहा, बाकी हिस्सा अगली मूल्य वृद्धि में जोड़ा जा सकता है. इस बारे में किसी समयसीमा की पुष्टि नहीं कर सकते.
महिंद्रा एंड महिंद्रा के ऑटोमोटिव प्रभाग के अध्यक्ष विजय नाकरा ने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित समयसीमा के अनुसार कंपनी के सभी मॉडल बीएस-6 चरण दो मानदंडों का पालन करेंगे. उन्होंने कहा, बीएस-4 से बीएस-6 में परिवर्तन की लागत के मुकाबले इस बार लागत काफी कम है और इसे चरणबद्ध तरीके से उपभोक्ताओं पर डाला जाएगा.
मारुति सुजुकी इंडिया के कॉरपोरेट मामलों के कार्यकारी निदेशक राहुल भारती ने कहा कि कंपनी एक स्वच्छ वातावरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और तय समय पर बीएस-6 चरण दो में परिवर्तन को पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कंपनी ने कुल 62 मॉडलों में 31 को बीएस-6 चरण दो में तय समय से करीब एक साल पहले ही परिवर्तित कर दिया था. (भाषा इनपुट के साथ)