वर्ष 2021 के शैक्षिणक सत्र से ही लागू होगा एआईसीटीई का संशोधित नियम
12वीं में कॉमर्स और जीव विज्ञान से पढ़ाई करने वाले छात्र भी बनेंगे इंजीनियर
नई दिल्ली : इंजीनियरिंग का कोर्स करने वाले विद्यार्थियों के लिए एक बेहद ही महत्वपूर्ण खबर है. जो विद्यार्थी इंजीनियरिंग का कोर्स करना चाहते हैं, उनके लिए अब 12वीं क्लास में भौतिक शास्त्र (फिजिक्स), रसायन शास्त्र (केमिस्ट्री) और गणित (मैथ्स) की पढ़ाई करना जरूरी नहीं है. इसका कारण यह है कि भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने बड़ा फैसला करते हुए विविध पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों को इंजीनियरिंग के कोर्स में दाखिले के लिए अपने नियमों में संशोधन किया है. खबर यह भी है कि संशोधित नियमों को एआईसीटीई इसी साल से लागू करने जा रहा है.
मीडिया की खबर के अनुसार, तकनीकी नियामक एआईसीटीई ने संशोधित नियमों में 14 विषयों को शामिल किया है. इन विषयों की सूची में उसने भौतिक, गणित, रसायन विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, जीव विज्ञान, इनफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिस, जैव प्रौद्योगिकी, तकनीकी व्यावसायिक विषय, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, व्यावसायिक अध्ययन और आंत्रप्रेन्योरशिप को स्थान दिया है.
एसआईसीटीई के संशोधित नियमों के अनुसार, इंजीनियरिंग के स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को 12वीं बोर्ड की परीक्षा में सूची में शामिल किसी तीन विषयों में कम से कम 45 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण करना होगा.
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एआईसीटीई के उपाध्यक्ष एमपी पूनिया ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हमने भविष्य को ध्यान में रखते हुए एनईपी के साथ अपने नियमों को जोड़ दिया है. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि यह कॉमर्स बैकग्राउंड के एक छात्र को इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने में सक्षम करेगा. बशर्ते कि वह नियमों में सूचीबद्ध 14 विषयों में से किसी तीन में कम से कम 45 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण किया हो.
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Posted by : Vishwat Sen