CJI BR Gavai Education: शिक्षा ने रखी न्याय की नींव, ऐसी रही है नए चीफ जस्टिस की काॅलेज लाइफ

CJI BR Gavai Education: भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में पद की शपथ ली. ऐसे में जानें उनके पास कौन सी डिग्रियां हैं, उन्होंने कहां से पढ़ाई की है और उनके काॅलेज लाइफ से जुड़ी अन्य रोचक बातें.

By Pushpanjali | May 14, 2025 2:19 PM
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CJI BR Gavai Education: नव नियुक्त भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में पद की शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें इस गरिमामय पद की शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण समारोह से पहले का एक भावुक दृश्य सामने आया, जब जस्टिस गवई ने अपनी मां कमलताई गवई के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया. इस क्षण ने न सिर्फ उनकी पारिवारिक संस्कारों की झलक दी, बल्कि यह भी दिखाया कि वे अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को देते हैं. इस अवसर पर हम आपके बताएंगे कि जस्टिस गवई का शैक्षणिक जीवन कैसा रहा है.

इस मशहूर यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई

CJI भूषण रामकृष्ण गवई ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नागपुर से प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से विधि की पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई के दौरान वे हमेशा से ही मेधावी छात्र रहे. कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने वकालत की शुरुआत नागपुर उच्च न्यायालय में की और अपने तर्कों की स्पष्टता व कानूनी ज्ञान के कारण जल्द ही वे एक प्रतिष्ठित वकील के रूप में स्थापित हो गए.

CJI बी.आर. गवई का करियर

CJI जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने अपने कानून करियर की शुरुआत संविधान और प्रशासनिक कानून (Constitutional Law & Administrative Law) में विशेषज्ञता के साथ की. वे नागपुर महानगरपालिका, अमरावती महानगरपालिका और अमरावती विश्वविद्यालय के लिए स्थायी अधिवक्ता (Standing Counsel) के रूप में नियुक्त किए गए थे. इसके अलावा, उन्होंने सायकॉम (SICOM), डीसीवीएल (DCVL) जैसी विभिन्न स्वायत्त संस्थाओं और निगमों के साथ-साथ विदर्भ क्षेत्र की कई नगरपालिका परिषदों का भी नियमित रूप से प्रतिनिधित्व किया.

उन्हें अगस्त 1992 से जुलाई 1993 तक बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में सहायक सरकारी वकील (Assistant Government Pleader) और अतिरिक्त लोक अभियोजक (Additional Public Prosecutor) के रूप में नियुक्त किया गया था. बाद में, 17 जनवरी 2000 को उन्हें नागपुर खंडपीठ के लिए सरकारी वकील (Government Pleader) और लोक अभियोजक (Public Prosecutor) नियुक्त किया गया.उनकी न्यायिक सेवाओं को देखते हुए 14 नवंबर 2003 को उन्हें बॉम्बे उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश (Additional Judge) के रूप में पदोन्नत किया गया.

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