नौकरी गई लेकिन आमदनी जारी रहती है
nav.no की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, नॉर्वे में सरकार ‘Unemployment Benefits’ यानी बेरोजगारी भत्ता देती है. अगर किसी की नौकरी चली जाती है, तो सरकार उसे हर महीने पैसे देती है. यह पैसा तब तक मिलता है, जब तक नई नौकरी नहीं मिलती या फिर तय समय पूरा नहीं हो जाता.
कितनी मिलती है सैलरी?
बेरोजगारी भत्ता पिछली सैलरी के आधार पर तय होता है. आमतौर पर व्यक्ति को उसकी पिछली कमाई का लगभग 62.4% हिस्सा हर महीने मिलता है. उदाहरण के तौर पर, अगर कोई पहले 1 लाख रुपये कमा रहा था, तो बेरोजगारी में उसे करीब 62 हजार रुपये मिल सकते हैं.
किन्हें मिलता है यह लाभ?
इस योजना का फायदा उठाने के लिए कुछ जरूरी शर्तें होती हैं:
- व्यक्ति ने पिछले 12 महीनों में एक तय न्यूनतम आमदनी कमाई हो
- उसने नौकरी खुद छोड़कर नहीं दी हो (इस्तीफा नहीं दिया हो)
- वह नई नौकरी की लगातार तलाश कर रहा हो
कब तक मिलता है लाभ?
नॉर्वे सरकार यह लाभ अधिकतम दो साल तक देती है. लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि व्यक्ति ने नौकरी में रहते हुए कितनी इनकम की थी. साथ ही, लाभ पाने वाले को समय-समय पर यह साबित करना होता है कि वह सच में नई नौकरी खोज रहा है.
क्यों खास है नॉर्वे का सिस्टम?
नॉर्वे को दुनिया के सबसे खुशहाल देशों में गिना जाता है. इसका एक बड़ा कारण है वहां की मजबूत सोशल सिक्योरिटी व्यवस्था. चाहे शिक्षा हो, स्वास्थ्य या बेरोजगारी—सरकार हर मोर्चे पर नागरिकों के साथ खड़ी रहती है. यही कारण है कि वहां लोग बिना तनाव के जीवन जीते हैं.
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