पूजा खेडकर और नीट परीक्षाओं के मद्देनजर इसकी अनियमितताओं को लेकर यूपीएससी ने नई परीक्षा प्रणाली का खाका तैयार कर रहा है और परीक्षा पैटर्न में बदलाव के लिए नई तकनीक के लिए बोली लगाने वालों की तलाश में निविदा भी जारी कर दी है.
UPSC: पूजा खेडकर मामले के बाद लिया संज्ञान
हाल ही में खबर आई कि आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने 12 बार सिविल सेवा परीक्षा दी है, जो उनके आरक्षण वर्ग के हिसाब से अधिकतम है. यह खबर आते ही इतनी बड़ी परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी सवालों के घेरे में आ गई. क्योंकि यह एजेंसी सिविल सेवा परीक्षा समेत देश की 14 अन्य बड़ी परीक्षाएं आयोजित करती है.
यूपीएससी ने न केवल आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के मामले में बल्कि देश की एक और बड़ी एजेंसी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जो कि नीट परीक्षा आयोजित करती है, वहां हो रही गड़बड़ी को देखते हुए उसके परीक्षा पैटर्न पर भी कार्रवाई की है.
UPSC: अपने निविदा में क्या कहा है
यूपीएससी ने अपनी निविदा में कहा है कि अब से आयोग डिजिटल प्रौद्योगिकी और विभिन्न गतिविधियों जैसे उम्मीदवारों के बायोमेट्रिक विवरणों का मिलान और क्रॉस-चेकिंग के माध्यम से उम्मीदवारों की निगरानी करेगा.
आयोग ने यह भी कहा कि उसका “आधार-आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण (या डिजिटल फिंगरप्रिंट कैप्चरिंग) और उम्मीदवारों की चेहरे की पहचान, ई-प्रवेश पत्रों पर क्यूआर कोड की स्कैनिंग और लाइव एआई-आधारित सीसीटीवी वीडियो निगरानी के माध्यम से निगरानी को शामिल करने का इरादा है.”
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UPSC: नई परीक्षा प्रणाली का रोडमैप क्या होगा
यूपीएससी ने टेंडर में कहा है कि अब से अभ्यर्थियों का विवरण (नाम, रोल नंबर, फोटो आदि) परीक्षा शुरू होने से सात दिन पहले बाहरी एजेंसी को उपलब्ध कराया जाएगा, जिसका उपयोग आधार आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण (या डिजिटल फिंगरप्रिंट कैप्चरिंग) प्रक्रिया, चेहरे की पहचान और ई-एडमिट कार्ड की क्यूआर कोड स्कैनिंग में किया जाएगा.
ताकि अभ्यर्थी के एडमिट कार्ड पर क्यूआर कोड हो और जिसे परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से पहले आधार आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण के लिए स्कैन किया जा सके. नई परीक्षा प्रणाली में यूपीएससी एक सुरक्षित वेब सर्वर के माध्यम से रियल-टाइम उपस्थिति निगरानी भी करेगा.
UPSC: यूपीएससी ने अपने सख्त नियमों और परीक्षा प्रणाली में बदलाव करते हुए कहा है कि ये परीक्षाएं देश भर में विभिन्न केंद्रों/स्थानों पर आयोजित की जाएंगी तथा अभ्यर्थियों और परीक्षा आयोजित करने के लिए तैनात अन्य व्यक्तियों की विभिन्न गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रिकॉर्डिंग और लाइव टेलीकास्ट भी किया जाएगा ताकि ये परीक्षाएं निष्पक्ष तरीके से आयोजित की जा सकें.
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