Success Story: आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसी महिला की, जिन्होंने न सिर्फ अपने सपनों को पूरा किया, बल्कि भारत की स्टार्टअप दुनिया में एक नई पहचान भी बनाई। यह कहानी है गजल अलघ की, जो अब 13,000 करोड़ रुपये की कंपनी ‘मामाअर्थ’ (Mamaearth) की को-फाउंडर हैं.
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
ग़ज़ल अलघ का जन्म 2 सितंबर 1988 को गुड़गांव, हरियाणा में हुआ. उनका पालन-पोषण एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ. उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से बीसीए की पढ़ाई की और फिर अमेरिका के स्कूल ऑफ विज़ुअल आर्ट्स और न्यूयॉर्क एकेडमी ऑफ़ आर्ट से मॉडर्न आर्ट में कोर्स किया.
करियर की शुरुआत
ग़ज़ल ने अपने करियर की शुरुआत NIIT में कॉर्पोरेट ट्रेनर के रूप में की थी. यहां उन्होंने IT कंपनियों के मैनेजर और इंजीनियरों को सॉफ्टवेयर और कोडिंग की ट्रेनिंग दी. शुरुआत में उनकी कमाई केवल 1200 रुपए प्रतिदिन थी. उन्होंने “डाइटएक्सपर्ट” और “बीइंग आर्ट्सी” जैसे कुछ स्टार्टअप भी चलाए.
मां बनने से बदली सोच
गजल और उनके पति वरुण अलघ जब माता-पिता बने, तो उन्हें सुरक्षित और प्राकृतिक बेबी प्रोडक्ट्स की तलाश थी. लेकिन बाजार में केमिकलयुक्त उत्पादों की भरमार थी. तभी उन्होंने सोचा कि क्यों न खुद ऐसे प्रोडक्ट्स बनाए जाएं जो बच्चों और माँओं के लिए सुरक्षित हों. इसी सोच से साल 2016 में ‘मामाअर्थ’ की शुरुआत हुई.
मामाअर्थ की सफलता
इस कंपनी ने 25 लाख रुपए के निवेश से शुरू होकर आज होनासा कंज्यूमर लिमिटेड के अंतर्गत कई ब्रांड्स जैसे आयुगा, डर्मा कंपनी, एक्वालॉजिका को शामिल किया है. गजल की मेहनत और दूरदृष्टि ने मामाअर्थ को एक बड़ा नाम बना दिया.
100 करोड़ का आलीशान घर
गजल आज गुरुग्राम के DLF कैमेलियास में करीब 100 करोड़ रुपये के आलीशान डुप्लेक्स घर में रहती हैं. इस घर में प्राइवेट स्पा, रूफटॉप गार्डन और उनकी पेंटिंग से सजी लॉबी शामिल है, जो उनकी रचनात्मकता को भी दर्शाता है.
Also Read: Success Story: IIM Ahmedabad से किया MBA, आज हैं 21,600 करोड़ की मालकिन
BSSC CGL Vacancy: युवाओं को बड़ी राहत, बदली CGL परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तारीख
71st National Film Awards: शाहरुख-रानी ने जीता नेशनल अवॉर्ड, मोहनलाल को दादासाहेब फाल्के, देखें विजेताओं की पूरी लिस्ट
NCERT मॉड्यूल में बंटवारे का दर्द, जिन्ना कांग्रेस और माउंटबेटन दोषी
Bihar Medical College: निजी मेडिकल कॉलेजों की 50% सीटों पर सरकारी फीस पर हाईकोर्ट की रोक