IAS Factory: आईएएस फैक्ट्री बना ये परिवार! सवाई माधोपुर के इस घर से निकले सबसे ज्यादा अफसर

IAS Factory: राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के नाहरसिंहपुरा गांव का एक परिवार देश को अब तक छह IAS अफसर दे चुका है. अर्नब प्रताप सिंह के साथ इस परिवार की परंपरा नई पीढ़ी तक पहुंची है. यह परिवार युवाओं के लिए मिसाल बन गया है.

By Pushpanjali | July 18, 2025 2:53 PM
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IAS Factory: राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले का एक छोटा सा गांव नाहरसिंहपुरा आज पूरे देश में एक अनोखे कारण से चर्चा में है. यहां का एक ही परिवार अब तक छह IAS अधिकारियों को देश को दे चुका है. जिस परीक्षा को पास करना लाखों युवाओं का सपना होता है, उस UPSC परीक्षा को इस परिवार ने लगातार कई पीढ़ियों तक सफलतापूर्वक पार किया है. जहां एक घर में एक UPSC चयन की खबर पर जश्न मनता है, वहीं इस परिवार ने IAS को अपनी परंपरा बना दिया है. यही कारण है कि लोग अब इस परिवार को “IAS फैक्ट्री” कहने लगे हैं.

राजस्थान के एक गांव से निकले छह IAS अफसर

सवाई माधोपुर जिले के नाहरसिंहपुरा गांव (बामनवास) का एक परिवार इन दिनों पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस परिवार के 6 सदस्य भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में चयनित हो चुके हैं. यह परिवार अब ‘IAS फैक्ट्री’ के नाम से पहचाना जाता है.

अर्नब प्रताप सिंह ने UPSC 2022 में पाई सफलता

इस परंपरा को आगे बढ़ाया है अर्नब प्रताप सिंह ने. उन्होंने UPSC 2022 में 430वीं रैंक हासिल की. अर्नब की शुरुआती पढ़ाई लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS) और दिल्ली के DPS स्कूल में हुई. फिर उन्होंने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से MBBS की पढ़ाई की और बाद में UPSC की राह चुनी.

IAS माता-पिता ने दी मजबूत नींव

अर्नब के पिता बाबूलाल मीणा, 1991 बैच के IAS अधिकारी हैं और वर्तमान में उत्तर प्रदेश में तैनात हैं. उनकी मां वीना मीणा, 1993 बैच की IAS हैं और वे भी यूपी कैडर में सेवाएं दे रही हैं.

ताऊजी से शुरू हुई IAS परंपरा

इस प्रेरणादायक परंपरा की शुरुआत अर्नब के ताऊजी डॉ बत्तीलाल मीणा से हुई, जो IAS पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. उन्होंने परिवार में सिविल सेवा के बीज बोए. अर्नब के ताऊजी की बेटी और एक अन्य चाचा की बेटी शेफाली ने 2016 में UPSC परीक्षा पास की और गुजरात कैडर में IAS अधिकारी बनीं. इस तरह एक ही परिवार से तीन पीढ़ियों में IAS अधिकारी निकलना एक बड़ी उपलब्धि है.

प्रेरणा बना यह परिवार

यह परिवार दिखाता है कि अगर सही मार्गदर्शन, मेहनत और शिक्षा हो, तो किसी भी छोटे गांव से बड़ी सफलता की कहानी लिखी जा सकती है. आज नाहरसिंहपुरा गांव पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का केंद्र बन चुका है.

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