Vikas Divyakirti: क्या है पूरा मामला?
TOI और अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक, वीडियो में डॉ दिव्यकीर्ति ने कथित तौर पर जजों और न्यायिक पदों को लेकर ऐसा व्यंग्यात्मक भाषा इस्तेमाल की, जिससे न्याय व्यवस्था की गरिमा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची. इसी को लेकर वकील कमलेश मंडोलिया ने मानहानि (defamation) की शिकायत दर्ज की है. शिकायत में यह भी कहा गया है कि वीडियो में कॉलेजियम सिस्टम और जजों की नियुक्तियों पर भी सवाल उठाए गए हैं.
Vikas Divyakirti: कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायिक मजिस्ट्रेट मनमोहन चंदेल की अदालत ने लगभग 40 पन्नों के आदेश में यह माना कि वीडियो में इस्तेमाल की गई भाषा न्यायपालिका की गरिमा, निष्पक्षता और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकती है. अदालत ने यह भी कहा कि जो शिक्षक या पब्लिक स्पीकर होते हैं को उन्हें पता होता है कि उनकी बातें रिकॉर्ड होती हैं और सार्वजनिक मंचों पर जाती हैं. ऐसे में वे अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते.
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शिकायतकर्ता ने क्या कहा? (Vikas Divyakirti)
शिकायतकर्ता के वकील अशोक सिंह रावत ने कहा कि दिव्यकीर्ति ने वीडियो में कहा कि IAS जजों से ज्यादा पावरफुल होते हैं, जो उनके मुताबिक पूरी न्याय व्यवस्था का अपमान है. इस बयान से न्यायिक समुदाय में नाराजगी देखी गई. इसके बाद अदालत ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डॉ दिव्यकीर्ति को 22 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का आदेश दिया है.