ये कोर्स खासतौर पर वर्किंग प्रोफेशनल्स, इंजीनियरिंग के तीसरे-चौथे वर्ष के छात्र और कॉलेज फैकल्टी के लिए डिजाइन किए गए हैं, ताकि वे अपने स्किल्स को इंडस्ट्री के मुताबिक अपग्रेड कर सकें.
कोर्स की अवधि और विशेषताएं
- दोनों कोर्स की अवधि 12 महीने होगी.
- कोर्स पूरी तरह ऑनलाइन होंगे, लेकिन फाइनल एग्जाम IIT कैंपस में प्रॉक्टर्ड मोड में होगा.
- हर हफ्ते छात्रों को प्रैक्टिकल लैब और इंडस्ट्री-लेवल असाइनमेंट्स दिए जाएंगे.
- कोर्स की क्लासेज 1 सितंबर 2025 से शुरू होंगी.
क्या कहा IIT बॉम्बे ने?
प्रोग्राम की लीड फैकल्टी प्रोफेसर कामेश्वरी चेबरोलु ने कहा, “हम छात्रों को सिर्फ थ्योरी नहीं, बल्कि रियल वर्ल्ड स्किल्स सिखाना चाहते हैं. यह कोर्स स्किल गैप को कम करने की दिशा में अहम कदम है.”
छात्रों को IIT बॉम्बे के अनुभवी प्रोफेसर्स से सीखने का मौका मिलेगा और साथ ही वे उन टूल्स पर काम करेंगे, जिनकी डिमांड आज के कॉर्पोरेट और टेक सेक्टर में सबसे ज्यादा है.
क्यों है यह मौका खास?
IIT बॉम्बे का मानना है कि 2025 तक भारत में साइबर सिक्योरिटी का बाजार 10 बिलियन डॉलर से ऊपर पहुंच जाएगा. वहीं, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट हर सेक्टर में इनोवेशन की नींव बन चुका है. ऐसे में ये कोर्स युवा पेशेवरों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेंगे.
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