JPSC Success Story: देवघर के गांव से निकलकर JPSC में छाए विशाल, पहले ही प्रयास में मिली सफलता

JPSC Success Story: देवघर के घोरलास गांव के विशाल आनंद ने JPSC की मुख्य परीक्षा में पहले ही प्रयास में 148वीं रैंक हासिल कर पूरे जिले का मान बढ़ाया है. निजी शिक्षक के बेटे विशाल की यह उपलब्धि मेहनत, अनुशासन और पारिवारिक सहयोग की मिसाल है.

By Pushpanjali | July 26, 2025 10:15 AM
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JPSC Success Story: कई लोग वर्षों तक तैयारी करते हैं, फिर भी मंजिल नहीं मिलती, लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जो पहली ही कोशिश में इतिहास रच देते हैं. देवघर जिले के घोरलास गांव के रहने वाले विशाल आनंद ने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की परीक्षा में पहले ही प्रयास में 148वीं रैंक हासिल कर यह साबित कर दिया कि लगन और अनुशासन से कुछ भी संभव है.

शिक्षक पिता से मिली प्रेरणा

विशाल के पिता ओमकार राय एक प्राइवेट शिक्षक हैं और मां बेबी देवी गृहिणी हैं. सीमित संसाधनों के बीच भी उन्होंने बेटे को बेहतर शिक्षा और मूल्य दिए. विशाल की सफलता केवल व्यक्तिगत नहीं है, यह उनके पूरे परिवार और गांव के लिए गर्व की बात बन गई है.

शिक्षा की शुरुआत देवघर से, संकल्प बोकारो में

विशाल की प्रारंभिक शिक्षा जसीडीह पब्लिक स्कूल (देवघर) से हुई. इसके बाद उन्होंने 12वीं की पढ़ाई बोकारो से पूरी की. वे शुरू से ही पढ़ाई को गंभीरता से लेते थे और प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना संजोए हुए थे.

सफलता की कुंजी: अनुशासन और निरंतरता

विशाल का मानना है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए जरूरी है कि आप रोज खुद से प्रतिस्पर्धा करें. उन्होंने नियमित पढ़ाई को प्राथमिकता दी और हर विषय पर गहराई से काम किया.

उनका मंत्र साफ था—“पहला प्रयास, आखिरी मौका समझकर तैयारी करो.”

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