Scholarship 2025: CUJ के 4 छात्रों को यहां से मिली स्काॅलरशिप, झारखंड से विदेश जाकर बिखेरेंगे चमक

Scholarship 2025 में झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUJ) के 4 छात्रों को चीन के युन्नान विश्वविद्यालय में एक वर्षीय पूर्ण स्कॉलरशिप मिली है. ये छात्र चीनी भाषा व संस्कृति को नजदीक से सीखकर भारत के 'Cultural Ambassador' बनेंगे. यह अवसर उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान, अनुभव और करियर में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा.

By Shubham | July 23, 2025 7:32 PM
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Central University of Jharkhand Scholarship 2025: झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central University of Jharkhand – CUJ) के छात्रों ने एक बार फिर राज्य और देश का नाम रोशन किया है. विश्वविद्यालय के सुदूर पूर्व भाषा विभाग (चीनी भाषा) के चार छात्रों को चीन के युन्नान विश्वविद्यालय में एक साल के लिए पूर्ण वित्तपोषित (fully funded) छात्रवृत्ति (Scholarship 2025) के लिए चयनित किया गया है. यह स्कॉलरशिप छात्रों को चीनी भाषा और संस्कृति को करीब से जानने का बेहतरीन अवसर प्रदान करेगी. यहां छात्रों के नाम देखें और जानें विस्तार से.

Scholarship 2025: किन छात्रों को मिला यह अवसर?

चयनित होने वाले छात्रों के नाम शांतनु कुमार, खुशी कुमारी, कुमारी पूर्णिमा रंजन और अंशु कुमार हैं. इन सभी छात्रों का चयन उनकी मेहनत, भाषा कौशल और समर्पण के आधार पर हुआ है. ये छात्र अब एक वर्ष तक चीन में रहकर न सिर्फ चीनी भाषा सीखेंगे, बल्कि वहां की संस्कृति, इतिहास और परंपराओं को भी समझने का अनुभव प्राप्त करेंगे.

Scholarship 2025: क्या है स्काॅलरशिप का उद्देश्य?

  • यह स्कॉलरशिप कार्यक्रम CUJ की वैश्विक शिक्षा में बढ़ती भागीदारी का संकेत है
  • छात्र विदेश जाकर भारत के “संस्कृति दूत” (Cultural Ambassadors) के रूप में काम करेंगे
  • ऐसे अनुभव छात्रों की भाषा क्षमता, अनुवाद-कौशल और अंतरराष्ट्रीय संवाद में विशेषज्ञता को बढ़ाएंगे.

Central University of Jharkhand Scholarship 2025: उद्देश्य क्या है?

यह छात्रवृत्ति सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना भी है. इस कार्यक्रम के दौरान छात्र चीनी भाषा का गहन अध्ययन करेंगे, ताई ची, पारंपरिक चीनी भोजन, चंद्र नववर्ष जैसे त्योहारों से परिचय पाएंगे और स्थानीय लोगों और संस्कृति से सीधा जुड़ाव अनुभव करेंगे. इस सफलता के पीछे डॉ अर्पण राज, डॉ. संदीप विश्वास और सुशांत कुमार जैसे शिक्षकों का महत्वपूर्ण मार्गदर्शन रहा.

कुलपति व अन्य ने छात्रों की दी बधाई

कुलपति डॉ क्षिति भूषण दास ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि न केवल विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय पहचान को बढ़ाती है, बल्कि भारत और चीन के बीच शैक्षणिक सहयोग का भी उदाहरण है. भाषा संकाय की डीन प्रो श्रेया भट्टाचार्जी ने कहा कि यह सफलता छात्रों की मेहनत, शिक्षकों के समर्पण और विभागीय सहयोग का परिणाम है. यह केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि पूरे विभाग की उपलब्धि है. विभागाध्यक्ष डॉ रविंद्र नाथ शर्मा ने कहा कि ऐसे अवसर छात्रों को वैश्विक नागरिक बनने में मदद करते हैं और भारत की भाषा नीति व सांस्कृतिक समझ को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करते हैं.

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