क्या है मामला?
देशभर में SSC परीक्षाएं या तो रद्द कर दी गई या कई घंटे देरी से शुरू हुईं. कई परीक्षा केंद्र समय पर नहीं खुले, कहीं स्टाफ नदारद रहे, और छात्रों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. सोशल मीडिया पर छात्रों और अभिभावकों ने नाराजगी भी जाहिर की, वहीं विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा. शिकायत में कहा गया है कि गड़बड़ी का असली मकसद बड़े पैमाने पर व्यवधान उत्पन्न करना और सरकार की और से शुरू किए गए विकेन्द्रीकृत परीक्षा मॉडल को कमजोर करना था.
पवन गंगा सेंटर के प्रभारी ने की शिकायत
घटना पर पवन गंगा सेंटर के प्रभारी ने अपने लेटरहेड पर एक औपचारिक शिकायत दर्ज की है. उन्होंने आरोप लगाया कि “TCS से जुड़े लोगों ने उन्हें परीक्षा में बाधा डालने का दबाव डाला.” कथित रूप से उन्हें धमकी दी गई “अगर तुम सहयोग नहीं करोगे, तो सेंटर किसी और से चलवाएंगे.” पवन गंगा सेंटर के प्रभारी के अनुसार “TCS ने कुछ परीक्षा केंद्रों के स्टाफ को रिश्वत देकर केंद्र बंद रखने, अव्यवस्था फैलाने और छात्रों को समय पर प्रवेश न देने के निर्देश दिए.”
क्यों TCS पर उठ रहे सवाल ?
सरकार की तरफ से परीक्षा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और डिजिटल बनाए जाने के कदम से TCS की एकाधिकार स्थिति खतरे में पड़ गई है. माना जा रहा है कि इसी कारण से कंपनी ने यह अस्थिरता फैलाने का प्रयास किया, ताकि नई व्यवस्था पर सवाल खड़े हों और पुरानी प्रणाली वापस आ जाए.
सरकार की सख्ती
केंद्र सरकार ने अब SSC परीक्षाओं को प्रत्यक्ष नियंत्रण में ले लिया है. सभी आगामी परीक्षाओं की तैयारियों पर बारीकी से नजर रखी जाएगी. यदि जांच में TCS दोषी पाया गया, तो कानूनी और अनुबंधीय कार्रवाई तय है.